कुछ सीखा मैंने इन झरनो को देख कर!
कुछ सीखा मैंने इन झरनो को देख कर! पहाड़ों की ऊँचाई से घबराओ नहीं, बस थोड़ी-सी हिम्मत कर कोशिश करते रहना। अगर बढ़ते चले तुम अपने प्रवाह के साथ, तो मुश्किलों से रास्ता खुद-ब-खुद बन जायेगा। यह सीखा मैंने इन झरनो को देख कर! दिल खोलकर जियों तुम अपनी ज़िन्दगी, ये दुनियाँ और समाज एक दिन यूँ-ही किनारा लग जायेगा। ख़ुशियाँ बांटते जाओ तुम हरदम बिना करे कोई भेद-भाव, क्यूँकि दुनियाँ की सोच की तपस से तुम्हारा वज़ूद भाप बन जायेगा। यह सीखा मैंने इन झरनो को देख कर!