सर 'शर्म' से झुक जाता है
अपने शहर की उन गलियों में, जहाँ मैं खेली , बड़ी हुई,
माँ .., आज उन्ही गलियों में , तेरी बेटी मेहफूज नहीं !!
हमने तो, कभी किसी को, कुछ नुक्सान नहीं पहुँचाया है ..
फिर क्यूँ आखिर ऐसा मंजर, हमारे समक्ष यूँ आया है ..
वो देश जिसको सम्बोधित, भारत "माता" के नाम से किया जाता है,
उसी देश में नारी की अस्मत को, हर दिन लूटा जाता है।।
मुझको समझाया जाता है कि, तू 'अच्छा' पहन बाहर जाया कर,
कि धरती सी शीतलता लिए, तू अपने आँसू , पी जाया कर।।
क्यों नहीं कोई उनको समझाता कि, तू अच्छी नजर से देखा कर ??
कि राम सा पौरूष लिए, तू नारी की इज्ज़त कर ???
वो देश जहाँ हर क्षेत्र में, लड़कियों ने लड़को को पछाड़ा है,
उसी देश में नारी की अस्मत को, हर दिन लूटा जाता है।।
हो माँ, बेटी, बहन या बहु, हर कर्तव्य को निष्ठा से निभाया जिसने,
उस निश्छल प्यार की मूरत को, फिर भी ना जाने क्यूँ दुत्कारा सबने।।
कभी जिन्दा ही जला दी जाती है, वो अपने माँ पापा की दुलारी,
तो कभी एक नन्ही सी जान, कोख में ही मार डाली जाती।।
वो देश जहाँ माँ दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है,
उसी देश में नारी की अस्मत को, हर दिन लूटा जाता है।।
आज तो स्तब्ध हैं, दानव भी इन दरिंदो से,
कि फूल सी नाजुक बच्ची पर भी इनको तरस नहीं आता है।।
अभी तो इनकी हवस ने, ले ली थी जान एक मासूम की,
और अब फिर एक बार, इंसानियत को इन्होने शर्मसार कर डाला है।।
वो देश जहाँ नारी की अस्मत को, हर दिन लूटा जाता है,
उस देश को ही 'अपना' कहते हुए, यह सर 'शर्म' से झुक जाता है।।
Comments
baato/ aur bahas mei hum puran aur dharmik aawarn ka sahara le lete hai...parantu jab bhi vyvhaar ki baat aati hai to uspar amal nahi karte...